...

9 views

उड़ चली रे जिज्ञासा पकड़ो
#तूफानीयात्रा

क्यों गिरते हैं ओस बाबा,
मोती जैसे ही क्यूं,
मैंने पूछा बड़ी उत्सुकता से,
बाबा ने कहा,
राम जी पानी देते हैं बेटा पुष्पों को,
अपने आलय में रखते हैं कलियों को,
बिल्कुल वैसे ही ना बाबा,
जैसे राम जी रात में गईया चराते हैं,
सितारों में,
हां गुड़िया,
कितना मनोरम था वो दृश्य,
बाबा संग ये बचकानी बातें कितनी लुभाती थी,
क्यूं,
कैसे,
ये दोनो जिससे समां बांध मेरी जिज्ञासा बताती थी,
पर आई एक दिन उम्र की बेजोड़ आंधी,
और मैं जवां हो गई,
गुड़िया से बिटिया हो गई,...