...

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"" कुछ सवाल..... ?? ""
"" आंखों में यह "लाल रंग " की " तस्वीर" रख-कर ,
तुम होठों पर ये "झूठी" मुस्कान क्यों रखते हो ?
प्यार तुम इंसान से करते हो ,
और इजहार तुम हवा , घटा और धूप से क्यों करते हो...... ?



तुम हकीकत कहते हो ..!! तो क्यों सबको ख्वाब लगता है ?
तुम शिकायत करते हो... !! तो क्यों इन लोगों को मजाक लगता है ?
कितनी "शिद्दत" से तुम इन बेवफाह लोगों के सामने अपने "जज्बात" जाहिर करते हो... !!
फिर भी क्यों ? आखिर क्यों ? ये सब इन दुनिया-वालों को इत्तेफाक लगता है... ?



यह कोई छोटी बात नहीं , जिसे यूं-ही जाने दिया जाए ,
अगर खुदा है ? तो क्यों ? ना उस-से ही पूछ लिया जाए ......,
वो क्या बोलेगा ? वो तो तुम्हारे हालात तक जानना नहीं चाहता ,
फिर आखिर तुम्हारा दिल सच्चाई जानते हुए क्यों ? कुछ बोलना नहीं चाहता..... !!



तुम्हारा "दिल" किसी को "दिल" से चाहे तो लोग क्यों ? तुम्हें सजा देते है ....,
तुम सब-की खुशी बचाने में रहते हो और कोई अजनबी आकर तुम्हें क्यों ? रुला देते हैं ...... !!



कुछ लोगों की खुशी बचाने की कोशिश में , तुम क्यों ? खुद को बचाना भूल गए..... ,
खुश है वो सब बेवफाह लोग तुम्हें यू रुला-कर और तुम कहते हो......
मैं जीत गया उनकी खुशियां बचा-कर खुद को यू-खुद से बेगाना बना-कर..... !!



तुम यूं-ही बेवजह अपने दिल को साफ रखा करते हो..... ,
तुम्हें पता नहीं ? इस बेरहम दुनिया में कीमत चेहरों की है.... ,
कहने को तो तुम्हारी जिंदगी , "जन्नत" से प्यारी है .....,
सिर्फ आंसु और गम हैं इसमें , क्या ? तुम्हारी कोई खुशियों-भरी कहानी है ...?




सबसे झगड़-कर तुमने जिसे अपना बनाया था ,
आखिर क्या हुआ ? वही हुआ जो लोगों ने बताया था.... ,
तुम तो वैसे भी अकेले थे , क्या हुआ ?
जो तुम्हारे अपनो ने ईस बात का एहसास दिला दिया ,
अरे ...!! तुम जिस दिए को हवा से बचा रहे थे ,
आखिर में उसी ने तुम्हारा हाथ जला दिया......!!




ये दिल में इतना "दर्द" छुपाए तुम किससे ?अपने राज छुपाते हो .....,
छोट इंसान से खाते हो ,और इल्ज़ाम फिर वक्त पर लगाते हो ....,
ना जाने तुम क्यों ? उसे खोने से डरते हो , जो तुम्हारा है ही नहीं..... !!
तुम क्यों ? इतने ना-समझ हो ,
इतना तो जान लो ...क्या है ? तुम्हारे लिए सही ..... !!



क्यों ? तुम्हारे दिल की आवाज , अपना वजूद खोती रही.... ,
क्यों ? तुम्हारी चाहत बेजुबा होती रही ....,
क्या ? कोई आया था , तुम्हारे अकेलेपन में तुम्हारे करीब ......,
आखिर क्या हुआ ? बस एक "आंखों की चाहत" थी उसे देखने की... ,जो पूरी रात तुम्हारे साथ रोती रही........
पुरी रात तुम्हारे साथ रोती रही.... !! ""

JANKI KUNWAR
31.8.22(9:30PM)
@jankikunwar

"" my silence is just aanother word 😐 for my pain ""❣️