मुहब्बत हो गई है यूं
ना जाने कब मुझे आपसे मुहब्बत हो गई,
साथ चलते , साथ चढ़ते और साथ उतरते बस वही बात हो गई।
किसी गलती की मीठी सी तकरार में,
वो घंटो तक चलती ट्रेन की आवाज़ में,
छुप छुप कर हुए इशारों के बाज़ार में,
फिर वही इश्क की खुशबू दिल में उतारकर, कुछ बात अलग सी हो गई।
रातों को मेसेज...