तेरे बिना जीकर क्या करूंगी.....
तु नहीं तो मैं नहीं ,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही
जिंदा हूँ मगर बेज़ान हूँ ,
तेरे साथ ज़िन्दगी आबाद थी
तुझसे बिछड़कर अब वीरान हूँ
तुम बिन नातमाम हूँ ,
मैं खुद को नागवार लगने लगी
तेरे बिना मैं खुद भी
खुद को अनजान लगने लगी
सुनसान राहें दूर तलक,
अब घर भी मुझे शमशान लगने लगा
इंतज़ार करती मेरी हर उम्मीद
तेरी राह तकती कभी थमती नहीं
खामोश निगाहें ठहर सी गई है
अब निगाहें भी कुछ बयां करती नहीं
तु नहीं तो मैं नहीं ,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही...
ओ यारा तू नहीं तो मैं अब जी कर भी क्या करूंगी...!
© kittu_writes
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही
जिंदा हूँ मगर बेज़ान हूँ ,
तेरे साथ ज़िन्दगी आबाद थी
तुझसे बिछड़कर अब वीरान हूँ
तुम बिन नातमाम हूँ ,
मैं खुद को नागवार लगने लगी
तेरे बिना मैं खुद भी
खुद को अनजान लगने लगी
सुनसान राहें दूर तलक,
अब घर भी मुझे शमशान लगने लगा
इंतज़ार करती मेरी हर उम्मीद
तेरी राह तकती कभी थमती नहीं
खामोश निगाहें ठहर सी गई है
अब निगाहें भी कुछ बयां करती नहीं
तु नहीं तो मैं नहीं ,
तेरे बिना ये ज़िन्दगी अब कुछ नही...
ओ यारा तू नहीं तो मैं अब जी कर भी क्या करूंगी...!
© kittu_writes