फासले....
मोहब्बत को मोहब्बत से मिलाया गया
ज़ख्म देकर फिर गले से लगाया गया
भरे बाज़ार में चीखें निकल गईं उनकी
ना जाने उन्हें ऐसा क्या दिखाया गया
आंखों के अश्क दिल में उतारे गए
दर्द ए मोहब्बत को दिल में छुपाया गया
उनकी आंखों में ये अश्क बेवजा नहीं है
उन्हें बनाके पसंद फिर ठुकराया गया
पहले कुरबतों की आदत डालकर फ़िर
अचानक ही फासलों को बढ़ाया गया...💔
© Tahrim
ज़ख्म देकर फिर गले से लगाया गया
भरे बाज़ार में चीखें निकल गईं उनकी
ना जाने उन्हें ऐसा क्या दिखाया गया
आंखों के अश्क दिल में उतारे गए
दर्द ए मोहब्बत को दिल में छुपाया गया
उनकी आंखों में ये अश्क बेवजा नहीं है
उन्हें बनाके पसंद फिर ठुकराया गया
पहले कुरबतों की आदत डालकर फ़िर
अचानक ही फासलों को बढ़ाया गया...💔
© Tahrim
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