...

13 views

उर्मिला वियोग वर्णन
हो सुरम्य विधाएं सभी साधिके ।
कुछ तो ऐसा सरलतम जतन कीजिए।

मिले हम भी प्रिय से कहीं राह में।
सब्र का एक अनूठा वचन दीजिए।

चौदह वर्षों का वन मांगा था राम ने।
संग मे जानकी भी गमन कर गई ।
तुम भी जाते हो ।
अब संग मे भ्रातृ के ।
पीड विरहा मेरी औषधि दीजिए।

कुछ तो ऐसा सरलतम जतन कीजिए।



विधाएं ,,, रीति
सुरम्य ,, सरल
साधीके,, योगी ।

© Sarthak writings