मिट्टी सा
पतझड़ के मौसम में
ये बिखरा सा पत्ता सा मैं
तेरे आंगन में पवन सा गिरना चाहता हुं
तेरे खुशबू भरी गीली...
ये बिखरा सा पत्ता सा मैं
तेरे आंगन में पवन सा गिरना चाहता हुं
तेरे खुशबू भरी गीली...