शून्य से शिखर
शून्य से शिखर
चाहतों का घर
इरादों डिग ना जाना
देखकर कठिन डगर।
ना ख़ुशी से राब्ता
ना गमों से वास्ता
निकल पड़े हैं घर से जो
तो ढूढ़ लेंगे रास्ता।
ना...
चाहतों का घर
इरादों डिग ना जाना
देखकर कठिन डगर।
ना ख़ुशी से राब्ता
ना गमों से वास्ता
निकल पड़े हैं घर से जो
तो ढूढ़ लेंगे रास्ता।
ना...