आज कुछ लिखते हैं
#WritcoPoemChallenge
#naturelove
#writingpoem
घरी में अभी अभी रात के तीन बजे हैं
इस काली सियाह में अंधेरा और हम जगे हैं
इसमे खास क्या, हर रात तीन बजते हैं
पर चलो आज कुछ लिखते हैं।
रात में पत्तों की सरसराहट,
हवाओं की संसनाहट,
मानो हम से कुछ कहते हैं
चलो आज कुछ लिखते हैं।
सुन पाते हैं अपनी साँस
सुन जाते हैं सुई की आवाज़
जब भी आँखें बंद करते हैं
चलो...
#naturelove
#writingpoem
घरी में अभी अभी रात के तीन बजे हैं
इस काली सियाह में अंधेरा और हम जगे हैं
इसमे खास क्या, हर रात तीन बजते हैं
पर चलो आज कुछ लिखते हैं।
रात में पत्तों की सरसराहट,
हवाओं की संसनाहट,
मानो हम से कुछ कहते हैं
चलो आज कुछ लिखते हैं।
सुन पाते हैं अपनी साँस
सुन जाते हैं सुई की आवाज़
जब भी आँखें बंद करते हैं
चलो...