...

10 views

सपने
निकले हैं सफर पर हम सब अंजान,
करोंड़ों की भीड़ में लेके एक सपना समान,
सपने है कीमती, कीमत हमने है जानी,
तभी तो उन्हें बटोरने की हमने है ठानी,
कोई सिपाही तो कोई राजा बनना चाहता हैं,
तो कोई सिर्फ दो वक्त की रोटी से,
अपने परिवार का पेट भरना चाहता हैं.
कोई देश में क्रांति लाना चाहता हैं,
देशद्रोही और भ्रष्टाचार को मिटाना चाहता हैं,
तो कोई अपने विचारों से इस देश में
एकता और प्यार बढाना चाहता हैं.
छोटे हो या बड़े बहुत कीमती है सपने
वादा तुम्हे ये निभाना हैं कि
सपने हमने सजा दियें है आपके सामने
उनका पूरा करके आपको दिखाना हैं.
© All Rights Reserved