...

3 views

ग़ज़ल
थोडे़ थोडे़ से मैं ज़ियादा हो जाऊँगा
आज इक कतरा हूँ कल दरिया हो जाऊँगा

मुझ पर से होकर इक दिन दुनिया गुजरेगी
पत्थर पत्थर से मैं रस्ता हो जाऊँगा

गावों में मैं रोटी जैसे दिखता हूँ पर
शहरों में जाने पर पिज़्ज़ा हो जाऊँगा

तुम बस बच्चा बनकर तो देखो फिर मैं...