पंखहीन इस निर्जन वन में|
पंखहीन इस निर्जन वन में|
वायुहीन अज्ञात गगन में,
शक्तिहीन इस सुन्दर तन में |
मुक्तिहीन इस अविरत मन में |
सहज, सरलता से समझता,
जीवन निर्झर बहता जाता,
पंखहीन इस निर्जन वन में |
चहक मधुर थी , झलक सुद्रढ़ थी |
श्रम का प्रतिबन्ध लिए,
सख्त वक़्त की गति को रोकता|
हर दम बस हरा ही...
वायुहीन अज्ञात गगन में,
शक्तिहीन इस सुन्दर तन में |
मुक्तिहीन इस अविरत मन में |
सहज, सरलता से समझता,
जीवन निर्झर बहता जाता,
पंखहीन इस निर्जन वन में |
चहक मधुर थी , झलक सुद्रढ़ थी |
श्रम का प्रतिबन्ध लिए,
सख्त वक़्त की गति को रोकता|
हर दम बस हरा ही...