...

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एक बेहिसाब
सच तो सच है
सच कम या ज्यादा नहीं होता
झूठ का कोई वजूद ही नहीं
अनदेखी मंजिल का
कोई रास्ता नहीं होता
मुझ तक पहुँचे तेरी एसी
कोई राह ही नहीं
हर ख्वाब पूरा हो
ये हर बार नहीं होता
जाने से तेरे अब
मेरी रात की सहर ही नहीं
सजा सिर्फ गुनाह की ही मिले
ये जरूरी नहीं होता
ख्वाब देखने से बडा शायद
कोई गुनाह ही नहीं
जिस्म का मरना ही
बस मरना नहीं होता
ख्वाहिशे मिट जाने से भी तो
बचती जिन्दगी ही नहीं
जो बदल जाये या बदला ले
वो प्यार नहीं होता
प्यार तो प्यार है बस
प्यार में कोई हिसाब ही नहीं ।
chandny