एक बेहिसाब
सच तो सच है
सच कम या ज्यादा नहीं होता
झूठ का कोई वजूद ही नहीं
अनदेखी मंजिल का
कोई रास्ता नहीं होता
मुझ तक पहुँचे तेरी एसी
कोई राह ही नहीं
हर ख्वाब पूरा हो
ये हर बार नहीं होता
जाने से तेरे अब
मेरी रात की...
सच कम या ज्यादा नहीं होता
झूठ का कोई वजूद ही नहीं
अनदेखी मंजिल का
कोई रास्ता नहीं होता
मुझ तक पहुँचे तेरी एसी
कोई राह ही नहीं
हर ख्वाब पूरा हो
ये हर बार नहीं होता
जाने से तेरे अब
मेरी रात की...