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सफ़र 2022
अलविदा कहते कहते स्वागतम की बारी है,
ऐ ज़िन्दगी तुझसे मिलने एक नई तैयारी है,

सीखा समझा बहुत कुछ, खुद को भी निखारा है,
तोड़ना चाहा बहुतों ने मगर, दिल अभी न हारा है,

एक तिमिर छंटा, एक सुबह आई, कुछ ऐसा साल रहा,
अनुभवों से भरा जीवन मेरा, तक़दीर मालामाल रहा,

रिश्ते प्रेम विश्वास परख कहीं खरी कहीं खोटी सभी,
मुस्कुराहट फ़िर भी लबों पर, तोड़ने वालों की नैया डूबी,

सफ़र की लहरें तेज़ जहाँ, माधव से श्रृंगार किया,
करके दरकिनार सभी को हमने, अब स्वयं से प्यार किया,

खुद की शक्ति खुद की भक्ति ख़ुद की पहचान और वजूद अब,
किस्तों में नहीं जीवन अपना, जीना है मुझे सूद अब,

तो आ एक साल और अब कि बाहें फैला तेरा अभिनंदन है,
देखना तेरे इम्तिहानों से जुझ बना आज कोई फिर से कुंदन है।
© @Deeva