✨ धर्म भूमि ✨
अगर मैं कुछ सुना दूं
बुरा तो तुम न मान जाओगे,
संघर्ष भरी इस कहानी के
क्या तुम हिस्सा बन पाओगे।
एक कुल के दो परिवार
बीच हुआ धर्म युद्ध था,
उस से कुछ सिख
तुम अपना ना चाहोगे।
माधव के दिए ज्ञान को
क्या तुम पार्थ बन सुन पाओगे ,
संजय के भाती
कर्म भूमि का चित्रण करना चाहोगे।
एक तरफ कौरव थे
दूसरी तरफ पांडव,
कुरुक्षेत्र में खड़े
एक दूसरे के रक्त के प्यासे थे।
बजा शंखनाथ जब
माधव स्वयं पार्थ का रथ संभाले थे,
ध्वजा में समाहित अंजनी पुत्र
स्वयं धर्म युद्ध में आय थे ।
शंखनाथ की ध्वनि से
पूरा कुरुक्षेत्र एक पल को गूंज गया,
पर सामने अपने परिजनों को देख
अर्जुन एक पल को डगमगा गया।
छूट गया गांडीव हाथों से,
वो केशव से प्रश्न कर गया।
समय को रोक...
बुरा तो तुम न मान जाओगे,
संघर्ष भरी इस कहानी के
क्या तुम हिस्सा बन पाओगे।
एक कुल के दो परिवार
बीच हुआ धर्म युद्ध था,
उस से कुछ सिख
तुम अपना ना चाहोगे।
माधव के दिए ज्ञान को
क्या तुम पार्थ बन सुन पाओगे ,
संजय के भाती
कर्म भूमि का चित्रण करना चाहोगे।
एक तरफ कौरव थे
दूसरी तरफ पांडव,
कुरुक्षेत्र में खड़े
एक दूसरे के रक्त के प्यासे थे।
बजा शंखनाथ जब
माधव स्वयं पार्थ का रथ संभाले थे,
ध्वजा में समाहित अंजनी पुत्र
स्वयं धर्म युद्ध में आय थे ।
शंखनाथ की ध्वनि से
पूरा कुरुक्षेत्र एक पल को गूंज गया,
पर सामने अपने परिजनों को देख
अर्जुन एक पल को डगमगा गया।
छूट गया गांडीव हाथों से,
वो केशव से प्रश्न कर गया।
समय को रोक...