...

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शबड़ी का ज़खीरा
मेरे मुख से मिकलने वाला हर लफ़्ज़ मेरी कलम की नोक से फिसलेे हुए टुकड़े की तरह है
जो कभी विष उगलता है या फिर
मेरे...