...

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मेरा होना जरूरी नहीं
मेरा होना जरूरी नहीं
मैं रहु या ना रहु जरूरी नहीं,
मेरे ख्वाब तेरी जिंदगी से जुड़े हो जरूरी तो नहीं,
मैं बदलू ना हर मोड़ पे तेरी कमीयों को ढकने के लिए जरूरी तो नहीं,
चंद अल्फाज जो मैं लिखता हूं सिर्फ तेरी लिए, पर तू हर बार समझे ए जरूरी तो नहीं,
इश्क में रूठना मना तो आम बात हे पर तू रूठ के वापस आए ना जरूरी तो नहीं,
कैसे-कैसे ख्याल आते हैं जिंदगी छोड़ जाने के?
पर तू पकड़ के हाथ मेरा रोक ले मुझको जरूरी तो नहीं,
सुनो तुम रहो रकीब की बहो में, तुम्हारे साथ हम रहे जरूरी तो नहीं,
आंसू के अलावा कुछदे नहीं सकता इश्क हमको!
आंसू के लिए इश्क करना छोड़ दे जरूरी तो नहीं.
© Jay parmar