सिंगार
क्यों सताते हो तुम हमको
अपनी माथे की बिंदिया हटाकर
जैसे सताते हो दिन रात हमको
किसी गैर को यू सता के तो देखो
पहली...
अपनी माथे की बिंदिया हटाकर
जैसे सताते हो दिन रात हमको
किसी गैर को यू सता के तो देखो
पहली...