ग़ज़ल
मुस्कुराती है रात आंखों में,
तुम जो रहते हो मेरे ख़्वाबों में।
दूर रह कर भी दूर मुझसे नहीं,
तुम हो हर पल मेरे ख़यालों में।
फूल खिलते थे तेरे...
तुम जो रहते हो मेरे ख़्वाबों में।
दूर रह कर भी दूर मुझसे नहीं,
तुम हो हर पल मेरे ख़यालों में।
फूल खिलते थे तेरे...