दु:ख ही मेरा नया गीत!
*दुख ही मेरा नया गीत है*
दुःख को बनाकर अपने जीवन का मधुर गीत।
कर लो मानव तुम उससे पक्की प्रीत।
दु:ख-सुख का साथी है।
इससे जीवन कहां बाकी है।
दुख में ही होती सब की पहचान। इससे पहले कौन...
दुःख को बनाकर अपने जीवन का मधुर गीत।
कर लो मानव तुम उससे पक्की प्रीत।
दु:ख-सुख का साथी है।
इससे जीवन कहां बाकी है।
दुख में ही होती सब की पहचान। इससे पहले कौन...