इश्क़ बनाम मुहब्बत
तुम अपना इश्क़ संभालो हम अपनी मुहब्बत देखते हैं
हमारी ना-दानिस्ता बातों में भी वो फ़ज़ीहत देखते है
तुम पास हो के भी दूर होने के जवाज़ देना
हम तो ख्यालों में भी तुम्हारी क़ुर्बत देखते है
तुम रूठो चाहे सौ बार हम लाख़ दफ़ा मनाते...
हमारी ना-दानिस्ता बातों में भी वो फ़ज़ीहत देखते है
तुम पास हो के भी दूर होने के जवाज़ देना
हम तो ख्यालों में भी तुम्हारी क़ुर्बत देखते है
तुम रूठो चाहे सौ बार हम लाख़ दफ़ा मनाते...