ज़िन्दगी की रफ्तार
दूर जाता है वही जो दिल के सबसे अज़ीज़ है,
ज़िन्दगी की रफ्तार भी कितनी अजीब है...
मान बैठो जिसे अपना मान,
गुस्से में वही कर देता है हमारा अपमान,
दूर जाता है वही जो दिल के सबसे अज़ीज़ है,
ज़िन्दगी की रफ्तार भी कितनी अजीब है....
जिस इंसान से जोड़ लो ...
ज़िन्दगी की रफ्तार भी कितनी अजीब है...
मान बैठो जिसे अपना मान,
गुस्से में वही कर देता है हमारा अपमान,
दूर जाता है वही जो दिल के सबसे अज़ीज़ है,
ज़िन्दगी की रफ्तार भी कितनी अजीब है....
जिस इंसान से जोड़ लो ...