11 views
एक संघर्ष एक भी
#society #women #life #poetry #Hindi
दुनिया में आई
दादी की नम आंखो से
स्वागत हुआ।
थोड़ी बड़ी हुई
दादा की कपड़ो पर
रोक टोक हुई।
समझदार हुई
पापा ने कारोबार में
हाथ बटाने से मना किया।
क्यो ये भेदभाव है किया
मुझ में और भाई में
क्यो मुझे पाबंदियो में रखा हुआ है।
मुझे भी पंख लगा कर उड़ने दो
© Tanya Oberoi
दुनिया में आई
दादी की नम आंखो से
स्वागत हुआ।
थोड़ी बड़ी हुई
दादा की कपड़ो पर
रोक टोक हुई।
समझदार हुई
पापा ने कारोबार में
हाथ बटाने से मना किया।
क्यो ये भेदभाव है किया
मुझ में और भाई में
क्यो मुझे पाबंदियो में रखा हुआ है।
मुझे भी पंख लगा कर उड़ने दो
© Tanya Oberoi
Related Stories
22 Likes
2
Comments
22 Likes
2
Comments