...

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तुम छोड़ दी मैं नहीं छोड़ा
तुम छोड़ दी
मैं नहीं छोड़ा
गम पी कर
मुस्कुराना नहीं छोड़ा

किसी भी स्थिति में
जंग नहीं छोड़ा
लड़ा हू वक्त से
मैदान नहीं छोड़ा

जो भी हो
अधिकार जताना नहीं छोड़ा
मोहब्बत है तुमसे
बात बताना नहीं छोड़ा

कदम दर कदम बढ़ाए कर
सिढ़ी चढ़ना नहीं छोड़ा हो
राई पहाड़ हो जाए तो
कुचलना नहीं छोड़ा

जिक्र पर तेरी
एहतियात बरतना नहीं छोड़ना
पत्र लिखा और
अब भी तुम्हें भेजना नहीं छोड़ा

दिन दिन घट रही है उम्र
अकड़ना नहीं छोड़ा
खो गया गुरुर ए-कायनात
हठधर्मी चाल...