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अमावस का चाँद
अमावस का चाँद
तुम जो अमावस के चाँद हो गए हो
न जाने कहाँ खो गए हो
खोजे से मिलते नहीं हो
इन नयनों को दिखते नहीं हो
क्या अब तुमको भी बुलाना पड़ेगा
कविता लिखकर मनाना पड़ेगा
(प्रेम कितना है यह लिखकर बताना पड़ेगा)
आ भी जाओ के अब और नहीं
आ भी जाओ के वो सख्त बीमार है
आ भी जाओ के उसे सिर्फ तुम्हारा इंतेजार है
आ भी जाओ के शहर उजड़ने को है
आ भी जाओ के इक शख्स बिछड़ने को है
आ भी जाओ के वो उदास बहुत है
आ भी जाओ के उसे तुम्हारी तलाश बहुत है
आ भी जाओ के आँसू पिघलने को हैं
आ भी जाओ के लम्हे फिसलने को हैं
आ भी जाओ के ये जहां सूना सा है
आ भी जाओ के सब गम दूना सा है
आ भी जाओ के ख्वाब टूटने को है
आ भी जाओ के कोई अपना छूटने को है
आ भी जाओ के हम साथ चल सके
आ भी जाओ के ये सूरज ढल सके
आ भी जाओ के हमारी कहानी अधूरी है
आ भी जाओ के बस इक कदम की दूरी है
आ भी जाओ के वो बददुआ असर कर रही हैं
आ भी जाओ के सांसें धुआँ कर रही हैं
आ भी जाओ के वो लापरवाह हो चुका है
आ भी जाओ के वो लड़का खो चुका है
आ भी जाओ के तुमसे उम्मीद है उसकी
आ भी जाओ के आँखों में नींद है उसकी
आ भी जाओ के वो इक घड़ी रो सके
आ भी जाओ के वो आखिरी नींद सो सके
आ भी जाओ के कोई कुछ न कहेगा
आ भी जाओ के अब वो चुप ही रहेगा
आ भी जाओ के ये आखिरी गुजारिश है
आ भी जाओ के ये रब की सिफारिश है
आ भी जाओ के दुआ खाली जा रही है
आ भी जाओ के खवाइश ताली जा रही है
आ भी जाओ के आसमां अधूरा है मेरा
आ भी जाओ के ख्वाब पूरा हो मेरा
तुम जो अमावस के चाँद हो गए हो
न जाने कहाँ खो गए हो
क्या अब तुमको भी बुलाना पड़ेगा?
कविता लिखकर मनाना पड़ेगा?