वक्त और तन्हाई
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समय के साथ-2, सब दूर हो जाते हैं,
प्यार भी, यार भी और रिश्तेदार भी।
पास आती हैं, तो केवल और केवल,
तन्हाई, दूरियां और जिम्मेदारियां।
हंसी के खूबसूरत पल, वो मीठी बातें,
सब खो जाते हैं, जैसे रात के सपने।
रिश्तों की गहराईयां, वो अपनापन,
सब छुप जाता है, जैसे चांद धुंध में।
दिल में रह जाता है, एक खालीपन,
हर तरफ...
समय के साथ-2, सब दूर हो जाते हैं,
प्यार भी, यार भी और रिश्तेदार भी।
पास आती हैं, तो केवल और केवल,
तन्हाई, दूरियां और जिम्मेदारियां।
हंसी के खूबसूरत पल, वो मीठी बातें,
सब खो जाते हैं, जैसे रात के सपने।
रिश्तों की गहराईयां, वो अपनापन,
सब छुप जाता है, जैसे चांद धुंध में।
दिल में रह जाता है, एक खालीपन,
हर तरफ...