तेरा कल आज भी खड़ा है तेरे लिए..
माना की तु जी रही थी
किसी ओर के लिए..
अब तुझे उठना पड़ेगा
तेरे अपनों के लिए..
माना की तु थमसी गयी थी
किसी ओर के लिए..
अब तुझे संबलना पड़ेगा
तेरे अपने...
किसी ओर के लिए..
अब तुझे उठना पड़ेगा
तेरे अपनों के लिए..
माना की तु थमसी गयी थी
किसी ओर के लिए..
अब तुझे संबलना पड़ेगा
तेरे अपने...