...

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आख़िरी मुलाकात !
चलो आओ आज आख़िरी मुलाकात है,
कुछ दूर साथ चलें ।
अब के हम बिछड़े तो शायद,
ख्वाबों में मिलें ।
कुछ शिकवे तुझे हैं,
कुछ मुझको भी हैं गिले ।

माना के तुझे डर है,
के वही बात फिर से होगी
पर ऐतबार कर मेरा,
आज की रात,
लफ़्ज़ों से नहीं,
नज़रों से बात फिर से होगी ।