...

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रिश्ते की मौत
मौत इंसान की हो तो जीना
फिर भी होता है, आसान
पर ,मौत यदि,
रिश्ते की हो जाए,
तो जिएं कैसे।।
दफना दो चाहे,कितनी भी
गहराई में दिल की,
फिर भी होता है,
उसके होने का एहसास,
अफसोस भी
ज़ाहिर नहीं, कर सकते उसका
दफनाना पड़ता है उनको,
खुद के अंदर,
आंखें भी नम नहीं होती
बस धुंध सी जमने लगती है
खुद के अंदर
रिश्ते की मौत को सहना
नहीं होता आसान
खुद भी मरते हैं न जाने,
कितनी मौतें हम.......
                       neera goyal