...

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कौरा काग़ज
कोरा काग़ज हैं पूछ रहा "
तुम आज नया क्या लाए हो ?

तैयार हूँ अब मैं भरने को
क्या कलम हाथ में लाए हो,,,!!

मन मे तुम्हारे जो है चल रहे
क्या वही विचार बताने आए हो

दिल पर तुम्हारे कुछ तो है बीत रही
क्या दिल का हाल सुनाने आए हो,,,!!

कोरा काग़ज हैं पूछ रहा "
तुम आज नया क्या लाए हो ?

तैयार हूँ अब मैं भरने को
क्या नया संदेशा लाए हो,,,!!

अपनी कविताओं के माध्यम से
क्या सच्चाई बताने आए हो,,,!!

दर्द तुम्हारा मुझपर है झलक रहा
क्या दर्द मिटाने आए हो,,,,!!

कोरा काग़ज हैं पूछ रहा "
तुम आज नया क्या लाए हो ?

तैयार हूँ अब मैं भरने को
क्या चाय साथ में लाए हो,,,!!

दुनिया में है देखो कितना ग़म
क्या वही गम बाँटने आए हो,,,!!

कितना है तुम्हें अकेलापन
क्या मेरा साथ माँगने आए हो,,,!!

कोरा काग़ज हैं पूछ रहा "
तुम आज नया क्या लाए हो ?

तैयार हूँ अब मैं भरने को
क्या आज सीख सिखाने आए हो,,,!!

चेहरे के ऊपर लगा है एक चेहरा
क्या चेहरे के असली रंग दिखाने आए हो,,,!!

यह जो कलम बे-झिझक है चल रही
इतने शब्द कहाँ से लाए हो,,,!!


© Himanshu Singh