...

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इक ख्वाब
ख्वाब आया इक रात को ऐसा
देखा नहीं कभी हो जैसा
मैं खुश थी अपनी ही दुनिया में
ना ऑंसू थे ना कोई गम था
मायुसी का ना कोई पल था
बस खुशियाँ ही थी चारों तरफ
इक सुन्दर संसार अपना था
ना सवाल पूछे किसी से कभी
ना जवाब कोई दिया कभी
लिखती थी बस ख्याल दिल के
अपने खवाबों में खोई थी
ना जागे ना सोई थी
बस अपनी ही धुन में खोई थी
फिर आया तू पास मेरे
बस गई मैें दिल में तेरे
वादा था खुशियों का किया
जिसे तूने कभी पूरा ना किया
फिर तूने मुझको क़ैद किया
क्यूँ आजादी का वादा था दिया
ना समझना मतलबी मुझको
इक बार खुद...