...

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गायब गायब सब है गायब
गायब गायब सब है गायब
यही देश का हाल है


घोटालों की मारामारी
बोले तो फिर जेल है

एक ही बंदा लेकर भागा
यही तो सब खेल है

अन्ना भी गायब केजी भी गायब
ये बहरूपिया का वार है

शायर भी गायब कवि भी गायब
अपनी जान का भार है

सोशियल गायब, मीडिया गायब
बस अपनी जान से प्यार है

शेयर खजाना डूब गया अब
कुख्याती मौनी यार हैं

गायब गायब सब है गायब
यही देश का हाल है

मरता जीवन सबका है
पर अब चमचों का जाल है



गायब गायब सब है गायब
यही देश का हाल है ।

**प्रेमदास वसु सुरेखा**
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