ग़ालिब़न
बेबसी का रोना हर बात पर ही रोना क्यूँ
उड़ान वो भी भरते हैं जिनके पर नहीं होते
ख़्वाहिश तो बहुत थी कि तुझे गले से लगालूँ
क़ाश कि, तेरे हाथों में ये खंजर नहीं होते
बहुत...
उड़ान वो भी भरते हैं जिनके पर नहीं होते
ख़्वाहिश तो बहुत थी कि तुझे गले से लगालूँ
क़ाश कि, तेरे हाथों में ये खंजर नहीं होते
बहुत...