मेरे सपनों के भारत में ले चालूँगी आपको...
मेरे सपनों के भारत से मिलाती हूँ आपको,
उस गगन के बादलों में लें चालूँगी राष्ट्र को ;
मेरे सपनों के भारत से मिलाती हूँ आपको।
गॉव - गॉव,गली- गली हो साफ अंधकार से,
अब कोई किसान ना मरे फिर कर्जे की मार से।
ना बेघरी, ना बेबसी ना ही लाचारी हो,
ईमान हो चर्म पर ना ही बेईमानी हो।
दहलीज - दहलीज पर ना कोई भिखारी हो ,
करें कर्म सब यहाँ कर्म हीं प्रभारी हों।
राष्ट्र के कोने - कोने एक अद्भुत प्रकाश हो ,
सभी रहे मगन यहाँ निरंतर विकास हो।
जल रहे हो तब दिये कर्तव्य अलंकार के,
फिर आवश्यकता ना हो धरने की,
खिलाफ भ्रष्टाचार के।
स्वतंत्रता स्वतंत्र हो, स्वतंत्रत हो तब नारियाँ,
किसी माँ का लाल बने...
उस गगन के बादलों में लें चालूँगी राष्ट्र को ;
मेरे सपनों के भारत से मिलाती हूँ आपको।
गॉव - गॉव,गली- गली हो साफ अंधकार से,
अब कोई किसान ना मरे फिर कर्जे की मार से।
ना बेघरी, ना बेबसी ना ही लाचारी हो,
ईमान हो चर्म पर ना ही बेईमानी हो।
दहलीज - दहलीज पर ना कोई भिखारी हो ,
करें कर्म सब यहाँ कर्म हीं प्रभारी हों।
राष्ट्र के कोने - कोने एक अद्भुत प्रकाश हो ,
सभी रहे मगन यहाँ निरंतर विकास हो।
जल रहे हो तब दिये कर्तव्य अलंकार के,
फिर आवश्यकता ना हो धरने की,
खिलाफ भ्रष्टाचार के।
स्वतंत्रता स्वतंत्र हो, स्वतंत्रत हो तब नारियाँ,
किसी माँ का लाल बने...