पक्षपात
बेहद उलझन भरा है
किसी शख्स की काबिलियत को उसकी बेज़ार सोच से अलग करना
कितना मुश्किल भरा है हुनर को नियत से अलग करना
कितना मुश्किल भरा है किसी की सोच का अन्दाजा करना
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है किसी के हुनर को पसंद करके सोच को नज़रअंदाज करना
कितना आसान है बिना कुछ भी जाने मान लेना के तय है मेरा सही होना
कितना...
किसी शख्स की काबिलियत को उसकी बेज़ार सोच से अलग करना
कितना मुश्किल भरा है हुनर को नियत से अलग करना
कितना मुश्किल भरा है किसी की सोच का अन्दाजा करना
कितना मुश्किल है
कितना मुश्किल है किसी के हुनर को पसंद करके सोच को नज़रअंदाज करना
कितना आसान है बिना कुछ भी जाने मान लेना के तय है मेरा सही होना
कितना...