...

3 views

तेरे बिन
अब सिर्फ चलते जा रहे हैं हम ,
आवारा से हैं हम तेरे बिन ।
मंज़िल नहिं है इस सफ़र का ,
ना है कोइ हमसफर तेरे बिन ।
कुछ उलझाने में बंधे हैं ,
सुलझने भी ना दिखे तेरे बिन ।
नाराज है राह जब हमसे ,
किसे बुलाए यार हम तेरे बिन ।
© Swagat Panda