...

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एक एहसास
#इंतज़ार

उधेड़ने बुनने मे लगी हूँ
खुद को
तेरे जाने के बाद

वो फूल, पेड़, हर पत्ता, हर आहट
हर सरसराहट
तेरा एहसास कराती है

बारिश मे
तुझ संग भीगने की चाहत
इन अश्को में डूब जाती है

सीने मे
इक टीस उठती है
इस दर्द मे बह ना जाऊ कही

सैलाब आँखो मे समेट
तेरे इंतजा़र मे
आज भी बेकरार बैठी हूँ

बस एक दीदार
एक मुलाकात

डूबी दिल की कश्ती मे सवार
तेरे साहिल तक पहुँचने की
आस मे बैठी हूँ
तेरे इंतजा़र मे
आज भी बेकरार बैठी हूँ।