क्यों है
क्यों खामोशी में हूं में
दिल में इतना गम क्यों है,
मुस्कुराहट की तलाश करती तो
अखियां इतनी नम क्यों है,
शोर चारो और है फिर भी
खामोशियों में मन क्यों है,
ए खुदा मेरे ही ,हिस्से में ,
खुशियां ,इतनी कम क्यों है,
दिल में इतना गम क्यों है,
मुस्कुराहट की तलाश करती तो
अखियां इतनी नम क्यों है,
शोर चारो और है फिर भी
खामोशियों में मन क्यों है,
ए खुदा मेरे ही ,हिस्से में ,
खुशियां ,इतनी कम क्यों है,
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