यूँ ही रुठोगे
यूँ ही रुठोगे तुम तो फिर गुजारा हो नहीं सकता
हैं जो भी ख्वाब वो सच में हमारा हो नहीं सकता
मुझे तुमसे मोहब्बत है तो इतना क्यों सताते हो
जो खोया तुमने तो तेरा दोबारा हो नहीं सकता
हँसाके एक पल खांमोशियाँ देते हो दिन भर की
मुझे अंदाज ये तेरा ...