...

24 views

यूँ ही रुठोगे

यूँ  ही  रुठोगे  तुम  तो  फिर  गुजारा  हो  नहीं    सकता
हैं  जो  भी  ख्वाब  वो सच में  हमारा हो  नहीं   सकता

मुझे  तुमसे   मोहब्बत  है तो  इतना  क्यों    सताते  हो
जो  खोया  तुमने  तो  तेरा   दोबारा  हो  नहीं   सकता

हँसाके  एक  पल   खांमोशियाँ देते  हो  दिन भर   की
मुझे   अंदाज   ये   तेरा   गवारां    हो    नहीं    सकता

भले तुम सब जतन करलो  मगर दिल  तोड़  दोगे  तो
निगाहों  से  मेरी  जानां   इशारा    हो   नहीं    सकता

मेरे  ही   सामने   गैरों  से  मिलते   हो   बताओं क्या
कि  इतना दुख   भरा कोई  नज़ारा  हो नहीं  सकता

संमन्दर   में   जो  यूं  गोते  लगाते   हो    सुनो  जानां
किसी  दिन   देखना  तेरा  किनारा हो  नहीं सकता

बहक  जाए  भले   आस़ार  गजलों  के  कमाल तेरे
तेरे लहज़े से अच्छा कुछ भी प्यारा हो नहीं सकता

By..Kamaal Husain✍️
#Gazal