चराग जले
कुछ चराग चले जले कुछ मलाल बढ़े चले
कुछ मन्ज़िले छूट गईं कुछ खिताब पड़े मिले
कुछ आस बिखर गई कुछ ख्वाब ढले धुले
क्यों शोर हुआ अभी कुछ हिंसाब लिए चले
कुछ रंग उड़ा कहीँ कुछ ताल मिले जुले
कुछ रात बिखर गए कुछ आसमान में खुले
नूर था जो बिखर गया नूर है जो रह गया
कुछ नूर बढ़े चले कुछ चराग जब चले जले
कुछ मन्ज़िले छूट गईं कुछ खिताब पड़े मिले
कुछ आस बिखर गई कुछ ख्वाब ढले धुले
क्यों शोर हुआ अभी कुछ हिंसाब लिए चले
कुछ रंग उड़ा कहीँ कुछ ताल मिले जुले
कुछ रात बिखर गए कुछ आसमान में खुले
नूर था जो बिखर गया नूर है जो रह गया
कुछ नूर बढ़े चले कुछ चराग जब चले जले