चराग जले
कुछ चराग चले जले कुछ मलाल बढ़े चले
कुछ मन्ज़िले छूट गईं कुछ खिताब पड़े मिले
कुछ आस बिखर गई कुछ ख्वाब ढले धुले
क्यों...
कुछ मन्ज़िले छूट गईं कुछ खिताब पड़े मिले
कुछ आस बिखर गई कुछ ख्वाब ढले धुले
क्यों...