...

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khat
खत पे मेरा नाम आज भी होगा, बस पता किसी और का वो लिखते होंगे.
पन्नो की लिखावट में महक मेरी होगी,और वो जिक्र किसी और का करते होंगे.
इस ना मुक्कमल कहानी के किसी ना किसी मोड़ पे फिरसे मुलाक़ात होगी,
ना मैं बदलूंगा,नाहीं वो,बस सफ़र में हमारे किरदार बदले होंगे.

© amitsingshayar_