सुना है!
सुना है!
हवा में उड़ने का शोक़ बहुत है,
ज़मीन से फासला भी ख्याल रखना!
अगर उड़ गये तो क्या करोगे?
और जो गिर गये तो क्या करोगे?
तेरे महल की रोनक़े देखकर,
लगा ली आग हमने; अपनी झोंपड़ी में।
अब जो हाल पूँछो तो क्या करेंगे?
और भूल जाओ तो क्या करेंगे?
तेरे हुस्न की दीद पा कर,
लुटा दिया है हमने जो खुद को।
अब हाँ कहोगे तो क्या करेंगे?...
हवा में उड़ने का शोक़ बहुत है,
ज़मीन से फासला भी ख्याल रखना!
अगर उड़ गये तो क्या करोगे?
और जो गिर गये तो क्या करोगे?
तेरे महल की रोनक़े देखकर,
लगा ली आग हमने; अपनी झोंपड़ी में।
अब जो हाल पूँछो तो क्या करेंगे?
और भूल जाओ तो क्या करेंगे?
तेरे हुस्न की दीद पा कर,
लुटा दिया है हमने जो खुद को।
अब हाँ कहोगे तो क्या करेंगे?...