...

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घर लौट आ तेरा सभी को इंतेज़ार है 🙃
गुनगुनाइएगा जरूर 🙃❣️🙃

शहर में भीड़ भाड़ है
करें तो क्या करें
गमों का बस पहाड़ है
सब क्रोध से भरे
पिंजरे में कैद हैं सभी
धुंधला है आसमां
इंसानियत गिरी हुई
ऊंचे हैं बस मकां
चमक रहे सभी मगर
अन्दर से खोखले
वक्त है खुद को अभि
गिरने से रोक ले
बहते हुए नाले में दोहरी जिंदगी को फेक
गाड़ी पकड़ गांव की वापस आके तो देख

होटल में महफिलें मगर
सड़कों में जानवर
खुशियां हैं पल दो पल की
और रोना है सालभर
कोई किसी का है नहीं
सब लोग मतलबी
शीशे को छोड़कर यहां
हर कोई अजनबी
सेल्फी बना के ढेर
खुशमिजाज हो रहा
बचपन की उम्र में तू
उम्रदराज हो रहा
बहते हुए नाले में दोहरी जिंदगी को फेक
गाड़ी पकड़ गांव की वापस आके तो देख

धुंए तले दम तोड़ती
सरसों की कोपलें
बाजार में बिकते हैं
पक्षियों के घोंसले
हवा जहर है, पानी
बोतलों में बंद है
बस कहने को जिंदा हैं
जिंदगानी झंड है
कंक्रीट की सड़क पे
गाड़ियों का शोर है
अंधी भीड़ चल रही
भेड़ों की दौड़ है
बहते हुए नाले में दोहरी जिंदगी को फेक
गाड़ी पकड़ गांव की वापस आके तो देख

लड़ खड़ा रहे सभी
नशे में चूर हैं
जो ज्यादा झूठ बोलता
वोही मशहूर हैं
ये दौलतें ये शौहरतें
ये अंत हीन हैं
रेत के मिराज बस
जो जलविहीन हैं
जंजीर तोड़ डाल
बस बहुत है हो चुका
थोड़ा सा मुस्कुरा ले
बस बहुत तू रो चुका
बहते हुए नाले में दोहरी जिंदगी को फेक
गाड़ी पकड़, गांव की वापस आके तो देख

जोकर की बात मान दिल से काम ले जरा
तेरा कुछ नहीं रखा वहां, तू ध्यान दे ज़रा
छोड़ा जहां, तूने वही पे गौं गुठ्यार है
घर लौट आ तेरा सभी को इंतेज़ार है


गौं गुठ्यार - गांव और आंगन ( गढ़वाली शब्द)

🤡❣️🤡


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© Dr. Joker