कृष्ण..
नटखट शरारत कर मन भावन तू,
मीठी-मीठी बातें कर दिल चुरावत तू,
रास रचाए -चैन चुराए,
अपनी मुरली सन्ग सबको नचाये।
लाखो है दीवानी तेरी,
पर राधा जैसी कोई ना अलबेली,
जिसने चुराई नींद तेरी,
बसी मन में मेरे कान्हा के,
कि राधा-राधा कर अब कान्हा मन भावन सबके।
देखी न ऐसी...
मीठी-मीठी बातें कर दिल चुरावत तू,
रास रचाए -चैन चुराए,
अपनी मुरली सन्ग सबको नचाये।
लाखो है दीवानी तेरी,
पर राधा जैसी कोई ना अलबेली,
जिसने चुराई नींद तेरी,
बसी मन में मेरे कान्हा के,
कि राधा-राधा कर अब कान्हा मन भावन सबके।
देखी न ऐसी...