...

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Humsafar ( हमसफर )
मैं राह हूं, तुम राही बनोगी क्या ?

मैं गीत लिखूं, तुम शब्द बनोगी क्या ?

मैं रात बनके रहूं, तुम सवेरा बनोगी क्या ?

मैं चल लूंगा कठिन रास्ते, तुम साथ दोगी क्या ?

मैं अगर लड़खड़ाऊं, तुम हाथ थमोगी क्या ?

मैं शब्दों से खेलूं अगर, तुम उन्हें सही राग दोगी क्या ?

मैं अगर ठहर जाऊं, तुम मेरा हौसला बनोगी क्या ?

मैं अगर रस बन जाऊं कोई, तुम मिठास बनोगी क्या ?

मैं अगर शाही पकवान बनाऊं, तुम मेहमान बनोगी क्या ?

मैं अगर शिल्पकार बन जाऊं, तुम कारीगरी बनोगी क्या ?

मुझे मीठा बहुत पसंद है, तुम मिश्री बनोगी क्या ?

मेरे हर जख्मों पर, तुम दवा बनोगी क्या ?

मैं तंग हूं इस दुनिया से तुम, जीने की वजह बनोगी क्या ?



पहला प्यार मां बाप और भगवान भी वही

तुम मेरा दूसरा और आखरी प्यार बनोगी क्या ?



काटना तो ये पूरी जिंदगी है , पर अकेले नहीं

तुम मेरे इस सफर में मेरा हमसफर बनोगी क्या ?

हमसफर बनोगी क्या.....
© Gxutxm