...

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मैं
मैं नहीं समझता जो बात
वहीं बात दूसरों को समझाता हूं
मैं ही कहता हूं मोहब्बत ना कर
और मैं ही किसी से किए जा रहा हूं
मैं खुद उलझन में हूं
और दूसरों को रास्ते दिखाए जा रहा हूं
मेरी आंखो में आंसुओ का समन्दर है
और दूसरो को शान्त कराए जा रहा हूं
मैं खुद की जिम्मेदारी खो बैठा हूं
और दूसरो को याद दिलाए जा रहा हूं
अब क्या करे आप ही बताओ
खुद ही उलझा सा हूं
और दूसरो को उलझाए जा रहा हूं
© Mr. Baloch