Nakaab
हद से ज़्यादा किसी भी चीज का इस्तेमाल खराब होता है।
लोगो पे यकीन करने का भी एक हिसाब होता है।
पहचान नहीं पड़ता है इस भीड़ में कोई भी अपना,
हर चेहरे पे तो अब यहां एक नकाब होता है।
© abhay
लोगो पे यकीन करने का भी एक हिसाब होता है।
पहचान नहीं पड़ता है इस भीड़ में कोई भी अपना,
हर चेहरे पे तो अब यहां एक नकाब होता है।
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