वक्त_की_पुकार
वक्त की पुकार है, हमे सजग और सतर्क होने की,
बदलती ऋतुएं कहती हैं, अब जरूरत है सोचने की।
आसमां में बदलते रंग, हर सुबह नही रहती है ताजगी
प्रकृति की सुंदरता में, छुपी है अब बगावत की निशानी
प्रकृति की झंकार में देखो, छुपा है नवजीवन का सार,
मानव हुआ मनमौजी देखो,खुद करता प्रकृति का...
बदलती ऋतुएं कहती हैं, अब जरूरत है सोचने की।
आसमां में बदलते रंग, हर सुबह नही रहती है ताजगी
प्रकृति की सुंदरता में, छुपी है अब बगावत की निशानी
प्रकृति की झंकार में देखो, छुपा है नवजीवन का सार,
मानव हुआ मनमौजी देखो,खुद करता प्रकृति का...