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विश्व गौरैया दिवश🐦
भोर होते ही,
घोंसले से वो बाहर
निकल आती,,।
दाने दाने की खोज मे
यहा वहा जाती
स्वय चुगती
बच्चो को भी चुगाती
चीं चीं की मधुर ध्वनि से
घर आंगन को चहकाती।
परिश्रम से कभी ना
जी चुराती,
जीवन अनमोल है
हमे ये संदेश है
दे जाती
मत करो कैद मे
उसे खुले गगन की
सैर करने दो
उसे हौसलो की उड़ान
भरने दो🕊🐤
© vives
घोंसले से वो बाहर
निकल आती,,।
दाने दाने की खोज मे
यहा वहा जाती
स्वय चुगती
बच्चो को भी चुगाती
चीं चीं की मधुर ध्वनि से
घर आंगन को चहकाती।
परिश्रम से कभी ना
जी चुराती,
जीवन अनमोल है
हमे ये संदेश है
दे जाती
मत करो कैद मे
उसे खुले गगन की
सैर करने दो
उसे हौसलो की उड़ान
भरने दो🕊🐤
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