...

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यादें..
ख्वाहिशों का अंत नहीं है, थोड़ा रुक कर लंबी सांस लेकर आंखों को खोलकर खुले मंच से आज मैं जी लीजिए। आज के बिताए हुए लमहे ही कल मीठी यादों का पन्ना लिखते हैं कल के चक्कर में आज को खोना, वक्त का तो कोई भरोसा नहीं पर हमें सुकून इस बात का होगा कि कल चाहे कैसा भी हो मेरा कल बेरंग नहीं।
© poemfeast